दीवाली पर घर के अंदर न करने वाले काम | भारतीय संस्कृति और धर्मशास्त्र अनुसार
दीवाली पर घर के अंदर न करने वाले काम | भारतीय संस्कृति और धर्मशास्त्र अनुसार
दीवाली पर घर के अंदर ऐसे काम जो नहीं करने चाहिए — हमारी संस्कृति के अनुसार
दीपावली या दीवाली
केवल दीप जलाने और मिठाई बांटने का त्योहार नहीं है, बल्कि यह अंधकार से प्रकाश, अज्ञान से ज्ञान, और अशुभ से शुभ की ओर बढ़ने का प्रतीक है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति, धर्मशास्त्र एवं लोकमान्य रीति-रिवाज़ों से गहरे जुड़ा हुआ है। इस पावन अवसर पर हमारे घर में माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है, जिनसे समृद्धि, सौभाग्य और सुख की कामना की जाती है।
लेकिन, हमारी परंपरा ने कुछ ऐसे कर्म बताए हैं, जिन्हें दीवाली के दिन घर के अंदर करने से बचना चाहिए ताकि घर में सकारात्मक, सात्त्विक ऊर्जा बनी रहे और लक्ष्मी जी का वास बना रहे।
दीवाली का आध्यात्मिक महत्व
दीपावली का असली मतलब है अंधकार के अंत में प्रकाश का प्रवेश। अंधकार भले ही बाहर का हो या मन का, प्रकाश की ज्योति दोनों को साफ करती है। इसी तरह दीवाली हमें शुभ कर्मों, शुद्धता और सच्चाई की ओर प्रेरित करती है।
इस दिन घर में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा कर हम ईश्वर से हर प्रकार की समृद्धि, बुद्धि और सुख की प्रार्थना करते हैं। हमारे कर्मों का प्रभाव इस दिन से पूरी तरह जुड़ा होता है, इसलिए सावधानी से किए गए कर्म पूरे वर्ष शुभ परिणाम देते हैं।
दीवाली के दिन घर के अंदर न करने वाले 10 कर्म
1. घर में झगड़ा या कटु वाणी नहीं बोलनी चाहिए
दीवाली के दिन क्रोध, झगड़ा या अपशब्द बोलना अत्यंत अशुभ माना गया है। इस दिन वातावरण में दिव्य ऊर्जा सक्रिय होती है और हम जो भाव प्रकट करते हैं, वह घर के वातावरण में फैलता है।
जहां कलह होती है, वहां लक्ष्मी नहीं ठहरती।
इसलिए इस दिन प्रेम, क्षमा और मधुर वाणी का प्रयोग करें। इससे घर में शांति बनी रहती है और लक्ष्मी का वास होता है।
2. दीवाली की रात झाड़ू या कूड़ा बाहर नहीं फेंकना चाहिए
लक्ष्मी पूजा के बाद झाड़ू लगाना या कूड़ा बाहर फेंकना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से धन-संपदा के नष्ट होने का संकेत मिलता है जबकि माना जाता है कि उस समय लक्ष्मी जी घर में आती हैं।
इसलिए सफाई सुबह करें और पूजा के बाद घर को स्वच्छ और शांत छोड़ दें।
3. दीपक बुझाना या हवा से अचानक बुझाना अशुभ है
दीपक ज्ञान, आशा और लक्ष्मी का प्रतीक है। दीवाली की रात जो दीप जलता है, उसे हवा से बुझाना अपवित्र माना जाता है, क्योंकि इससे शुभ ऊर्जा बाधित होती है। यदि दीप बुझाना अनिवार्य हो, तो धीरे-धीरे हाथ से या सुरक्षित तरीके से बुझाएं, लेकिन ऋतुपूजन के दीप को पूरा रात जलाये रखना शुभ है।
4. भोजन में मांस, मद्य या नशे का सेवन नहीं करना चाहिए दीवाली के दिन सात्त्विक भोजन का सेवन शुभ माना जाता है। मांसाहार, शराब, तंबाकू, प्याज-लहसुन का सेवन इस दिन टालें क्योंकि ये तामसिक ऊर्जा को बढ़ाते हैं और श्रद्धा में बाधा डालते हैं। इस दिन फलाहार, मिठाई, खीर, पूड़ी, एवं पंचामृत जैसे शुद्ध खाद्य बनाएं।
5. घर में रोशनी बुझाकर सोना नहीं चाहिए दीवाली की रात को अंधेरा अशुभ माना जाता है इसलिए कम से कम एक दीपक या लाइट जलते रहने दें। दीपावली की रात जितनी रोशनी उतनी समृद्धि।यह सकारात्मक ऊर्जा को बरकरार रखता है।
6. पैसे या अनाज उधार नहीं देने चाहिए दीवाली या लक्ष्मी पूजन के बाद किसी को धन, अनाज या वस्तुएं उधार देना अशुभ माना जाता है। इससे धन का प्रवाह रुकता है और लक्ष्मी का प्रस्थान होता है।
दान सेवा भाव से करें, पर उधार देने से बचें।
7. पुराने कपड़े या टूटे बर्तन रखना नहीं चाहिए
इस दिन टूटी-फूटी वस्तुएं घर में रहने न दें क्योंकि ये नकारात्मकता का केंद्र होती हैं। इन्हें त्याग कर अशुभता से मुक्ति पाएं।
8. घर में शोर-शराबा, अत्यधिक पटाखे या प्रदूषण फैलाना नहीं चाहिए दीवाली आनंद का त्योहार है, विनाश का नहीं। ज़्यादा शोर-शराबा वातावरण को दूषित करता है और लक्ष्मी की कृपा कम करता है। लोकप्रिय उपाय है मिट्टी के दीप जलाना, फूलों से घर सजाना और सकारात्मक संगीत सुनना।
9. झूठ, दिखावा या लोभ से पूजा नहीं करनी चाहिए
लक्ष्मी जी को सबसे अधिक श्रद्धा और शुद्ध मन से की गई पूजा प्रिय होती है। अगर पूजा दिखावे के लिए की जाए तो उसकी कोई पूरे फल नहीं होती। भाव से की गई छोटी पूजा भी करोड़ों यज्ञों के समान फल देती है।
10. पूजा के बाद तुरंत खाना या मोबाइल में व्यस्त न होना चाहिए
पूजा के बाद कम-से-कम 10-15 मिनट मौन या ध्यान में बैठना चाहिए। इससे मन शांत होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
दीवाली पर शुभ कार्य कैसे करें?
सुबह अच्छी तरह सफाई करें, लेकिन शाम को लक्ष्मी पूजा के बाद घर को शांत रखें।
पूजा में सरलता और शुद्ध मन से भाग लें।
सात्त्विक आहार बनाए, जिसमें मिठाई, फल, पंचामृत शामिल हो।
फैमिली और रिश्तेदारों के साथ मिलजुल कर त्योहार मनाएं।
न केवल बहिर्मुखी दीप जलाएं, बल्कि अपने मन की अंधकार भी दूर करें।
निष्कर्ष: दीवाली का सच्चा संदेश
दीपावली हमारे भीतर के अंधकार को मिटाकर प्रकाश की ओर बढ़ने का संदेश है। केवल घर की साफ-सफाई और पूजा ही पर्याप्त नहीं, बल्कि हमारे विचार, भावना और कर्म उसकी असली पूजा हैं।
दीप जलाने से पहले अपने मन का अंधकार मिटाओ, तभी सच्ची लक्ष्मी तुम्हारे द्वार आएगी।
इस दिवाली अपने मन और घर दोनों को शुभ, शुद्ध और सकारात्मक बनाएं ताकि लक्ष्मी माँ सदैव आपके परिवार में वास करें।




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